आरती और अंगारे वाक्य
उच्चारण: [ aareti aur anegaaar ]
उदाहरण वाक्य
- (आरती और अंगारे-भूमिका पृ.
- आरती और अंगारे / हरिवंशराय बच्चन
- उनके समग्र कविता संग्रह में मधुशाला से लेकर मधुकलश, निशा निमंत्रण, आकुल अंतर, बंगाल का काल, खादी के फूल, धार के इधर-उधर, त्रिभंगिमा, बहुत दिन बीते, जाल समेटा, प्रणय पत्रिका, एकांत संगीत, मिलन यामिनी, बुध व नाचघर, सूत की माला, आरती और अंगारे आदि प्रमुख हैं।
- सामाजिक-राजनैतिक कविताओं (बंगाल का काल, खादी के फूल, सूत की माला, धार के इधर-उधर, आरती और अंगारे, बुद्ध और नाचघर, त्रिभंगिमा, चार खेमे चौंसठ खूँटे, दो चट्टानें, जाल समेटा) तक आते-आते बच्चन का यह काव्य-नायक मनुष्य अपने व्यक्तित्व के रूपांतरण और समाजीकरण में सफल हो जाता है ;
- निशा-निमंत्रण ', ‘ प्रणय पत्रिका ', ‘ मधुकलश ', ‘ एकांत संगीत ', ‘ सतरंगिनी ', ‘ मिलन यामिनी ', ” बुद्ध और नाचघर ', ‘ त्रिभंगिमा ', ‘ आरती और अंगारे ', ‘ जाल समेटा ', ‘ आकुल अंतर ' तथा ‘ सूत की माला ' नामक संग्रहों में आपकी रचनाएँ संकलित हैं।
- तेरा हार (1932) मधुशाला (1935) मधुबाला (1936) मधुकलश (1937) निशा निमंत्रण (1938) एकांत संगीत (1939) आकुल अंतर (1943) सतरंगिनी (1945) हलाहल (1946) बंगाल का काव्य (1946) खादी के फूल (1948) सूत की माला (1948) मिलन यामिनी (1950) प्रणय पत्रिका (1955) धार के इधर उधर (1957) आरती और अंगारे (1958) बुद्ध और नाचघर (1958) त्रिभंगिमा (1961) चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962) दो चट्टानें (1965) बहुत दिन बीते (1967)
- हरिवंशराय बच्चन जो कि हिन्दी के विख्यात कवि थे, कौन अरे वो ही अपने एक्टर अमिताभ बच्चन जी के बाबूजी | उन्होनें बहुत सी कविताएं और रचनायें लिखीं जिनमें से मुख्य हैं मधुशाला, निशा निमंत्रण, सतरंगिनी, खादी के फूल, दो चट्टानें, आरती और अंगारे, मधुबाला, मधुकलश, प्रणय पत्रिका आदि | उन्होने हिन्दी कविता के इतिहास […]
- सतरंगिनी / हरिवंशराय बच्चन (1945) हलाहल / हरिवंशराय बच्चन (1946) बंगाल का काल / हरिवंशराय बच्चन (1946) खादी के फूल / हरिवंशराय बच्चन (1948) सूत की माला / हरिवंशराय बच्चन (1948) मिलन यामिनी / हरिवंशराय बच्चन (1950) प्रणय पत्रिका / हरिवंशराय बच्चन (1955) धार के इधर उधर / हरिवंशराय बच्चन (1957) आरती और अंगारे / हरिवंशराय बच्चन (1958) बुद्ध और नाचघर / हरिवंशराय बच्चन (1958) त्रिभंगिमा / हरिवंशराय बच्चन (1961) चार खेमे चौंसठ खूंटे / हरिवंशराय बच्चन (1962)
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